बागनाथ मंदिर
बागनाथ मंदिर सरयू व गोमती नदियों के संगम पर स्थित है| यह व्यग्रेश्वर अथवा “टाइगर लॉर्ड”, भगवान शिव का पवित्र स्थान है। यह मंदिर कुमाऊं राजा लक्ष्मी चंद ने लगभग 1450 ई.पू. बनाया था, लेकिन वहां एक संस्कृत शिलालेख है जो कि पहले की तारीख से है। शिवरात्रि के वार्षिक अवसर पर यहाँ भक्तों की भीड़ होती हैं। इस जगह में मंदिरों का एक समूह है प्रमुख मंदिरों में भैरव मंदिर, दत्तात्रेय महाराज, गंगा माई मंदिर, हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर, कालिका मंदिर, थिंगल भिरव मंदिर, पंचनाम जुनाखरा और वनेश्वर मंदिर हैं।
बैजनाथ मंदिर
बैजनाथ मंदिर गोमती नदी के बाएं किनारे पर स्थित हैं। मुख्य मंदिर के रास्ते में, महंत के घर के ठीक नीचे, बामणी का मंदिर (संस्कृत ब्रह्मणी का भ्रष्ट रूप) है। कहा जाता है कि यह जगह ब्राह्मण विधवा के द्वारा बनाई गई थी और भगवान शिव को उसके द्वारा समर्पित किया गया था। एक और कहानी के अनुसार एक ब्राह्मण महिला जिसे क्षत्रिय ने अपहरण कर लिया था ने इसका निर्माण किया। उसने इस मंदिर को अपने पापों के क्षमन के लिए भगवन शिव को समर्पित कर दिया| मंदिर के अंदर शिव की एक मूर्ति है| इसमें कोई शिलालेख नहीं है| मंदिर का निर्माण तिलिहाटा समूह से भिन्न नहीं है, इसलिए यह भी इसी अवधि का कहा जा सकता है। मुख्य मंदिर, बैजनाथ या वैद्यनाथ (शिव का एक नाम) को समर्पित है, जो वर्तमान में गांव का नाम भी है और गोमती नदी के पास स्थित है। कत्यूरी रानी के आदेशों द्वारा नदी के किनारे बनायीं गई पत्थरों की सीडियों से भी मंदिर में पहुंचा जा सकता है। यह जगह निवासियों की स्नान की जगह थी जिसे वर्तमान में मंदिर के निकट एक कच्चे तालाब में परवर्तित किया गया है। बैजनाथ कौसानी से 19 किमी दूर और बागेश्वर से 26 किमी दूर है। एक समय यह कत्यूरी राजवंश के राजाओं की राजधानी थी और इस जगह को कार्तिकपुरा कहा जाता था।
चंडिका मंदिर
देवी चांदिका को समर्पित एक सुंदर मंदिर बागेश्वर से करीब आधे किलोमीटर दूर स्थित है। हर साल, नवरात्रों के दौरान यहाँ श्रद्धालु की भीड़ उमडती है तथा माता की पूजा की जाती है।
श्रीहरु मंदिर
श्रीहरू मंदिर बागेश्वर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। भक्तों का मानना है कि यहां इच्छा पूर्ति के लिए की गयी प्रार्थना हमेशा फलित होती है| यहाँ हर साल नवरात्रों के बाद विजया दशमी के दिन एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
गौरी उडियार
यह बागेश्वर से 8 किमी दूर है। यहां एक 20 गुणा 95 वर्ग मीटर की बड़ी गुफा है जिसमें भगवान शिव की मूर्तियां हैं।
बागेश्वर के निकट अन्य मंदिर
- रामघाट मंदिर
- अग्निकुंड मंदिर
- रामजी मंदिर
- लोकनाथ आश्रम
- नीलेश्वर महादेव
- अमित जी का आश्रम
- कुकुडा माई मंदिर
- ज्वालादेवी मंदिर
- सितलादेवी मंदिर
- वेणीमाधव मंदिर
- त्रिजुगीनारायण मंदिर
- राधाकृष्णा मंदिर
- हनुमान मंदिर
- भीलेश्वर धाम
- सूरजकुंड
- स्वर्गाश्रम
- सिद्धार्थ धाम
- गोपेश्वर धाम
- गोलू मंदिर
- प्रकतेश्वर महादेव